

-
There is no images.
- Ambala Voice
- Bahadurgarh Voice
- Bhiwani Voice
- Faridabad Voice
- Fatehabad Voice
- Gurgaon Voice
- Hisar Voice
- Jhajjar Voice
- Jind Voice
- Kaithal Voice
- Karnal Voice
- Kuruksthera Voice
- Mewat Voice
- Mahendragarh Voice
- Panchkulla Voice
- Panipat Voice
- Palwal Voice
- Rewari Voice
- Rohtak Voice
- Sonipat Voice
- Sirsa Voice
- Yamunanagar Voice

Haryana Voice | ||
|
करनाल : सीएम सिटी में बृहस्पतिवार को दो घटनाक्रम हुए। पहला प्रशासन की प्ला¨नग का मॉकड्रिल। जिसमें दिखावे का दर्द था और नकली मरहम। दूसरा हाईवे पर हकीकत में दर्द था। यहां एक के बाद एक 75 वाहन आपस में भिड़ गए। घायल सड़क पर तड़फ रहे थे। लेकिन सारी एंबुलेंस डमी मॉकड्रिल में लगी हुई थी। उन्हें अस्पताल में ले जाने का कोई इंतजाम नहीं था। सुबह के 10 बजे से 11 बजे तक मॉकड्रिल हुई। इसमें 30 एंबुलेंस शामिल रही। कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के 14 एचओडी सहित डॉक्टरों की टीम। घायलों को प्राथमिक उपचार देने वाले कर्मचारी। दूसरी ओर हाईवे पर विवान होटल से लेकर तरावड़ी के बीच में सुबह छह बजे से वाहनों का भिड़ने का सिलसिला एक बार शुरू हुआ तो 11 बजे तक वाहन भिड़ते रहे। प्रशासनिक अमला, यातायात पुलिस और यहां तक की टोल कंपनी के कर्मचारियों ने एक बार भी यहां ऐसा इंतजाम नहीं किया, जिससे हादसा थम सके। यहीं वजह रही वाहन लगातार भिड़े।
हादसा स्थल पर ऐसा कोई इंतजाम नहीं किया, जिससे पीछे से आ रहे चालक को आगे की स्थिति का पता चल सके। धुंध की वजह से विजिबिलिटी भी लगभग जीरो ही थी। इस वजह से जैसे ही वाहन चालक सामने हादसा देखता, तुरंत ब्रेक लगाता। पीछे के चालक को आगे की स्थिति का पता नहीं होता। अचानक लगे ब्रेक से जब तक वह अपने वाहन को संभालता तब तक देर हो चुकी होती। एक के बाद वाहन भिड़ते रहे। नकली घायलों को उठाने के लिए कर्मचारी थे जबकि असलियत में दर्द से कराहते लोगों के लिए फर्स्ट एड भी नहीं थी। निजी वाहनों व थ्री-व्हीलर से घायल अस्पतालों तक पहुंचे। मोबाइल से पता चला कि मॉकड्रिल में गजब का इंतजाम था और आयोजन सफल रहा। इसी बीच टोकते हुए दुर्घटनाग्रस्त वाहन में सवार युवक राकेश ने कहा कि शहर का अस्पताल कितनी दूर है।



