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रोहतक: परंपरागत खेती की बजाए किसान अब बागवानी का रुख कर रहे हैं। इससे उनको लाखों रुपये मुनाफा भी मिल रहा है। ऐसा ही एक उदाहरण गांव भराण का किसान फूलकुमार है। 10वीं पास किसान फूलकुमार ने करीब 17 साल पहले वर्ष 2000 में पारंपरिक खेती छोड़ बागवानी की शुरुआत की थी।
किसान ने शुरुआत में अपनी एक एकड़ जमीन में अमरूद व बेरी का बाग लगाया। जिससे एक साल में ही उसे लाखों रुपये की आमदनी हुई। वहीं 2008 में किसान ने तीन एकड़ अन्य भूमि में भी अमरूद का बाग लगाया। जिनमें से किसान को प्रत्येक एकड़ भूमि से लाखों रुपये की आमदनी मिल रही है। इतना ही नहीं अमरूद की पौध भी वह वैज्ञानिक तरीके से खेत में ही तैयार कर रहा है। जिससे अन्य किसान खरीद कर बागवानी की ओर रुझान कर रहे हैं। किसान ने फिलहाल चार एकड़ में बाग लगाए हुए है। इतना ही नहीं उसके खेतों के लगे अमरूदों की मांग दिल्ली तक बनी हुई है। यहां तक कि व्यापारी उसके खेतों से ही फलों को खरीदकर ले जाते हैं। बागवानी विभाग की ओर से तैयार की जाने वाली प्रगतिशील किसानों की सूची में फूल कुमार का नाम शामिल है।
बागवानी के साथ ही सब्जियों की खेती भी कर वह दोहरा मुनाफा कमा रहा है।खेती को आधुनिक तरीके से कार्य करने के मद्देनजर मंत्रियों तक ने किसान को सम्मानित किया है।



