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Haryana Voice | ||
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बहादुरगढ़ के लघु सचिवालय के पास स्थित मारुति कंपनी के ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर यानी इस्टीटयूट आफ ड्राइविंग एंड ट्रेनिंग रिसर्च (आइडीटीआर) में 80 लाख रुपये के गबन का मामला प्रकाश में आया है। केंद्र के तीन अधिकारियों पर इतनी बड़ी राशि के गबन का आरोप है। केंद्र के निदेशक की शिकायत पर सदर थाना पुलिस ने तीनों के खिलाफ मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। इस गबन में केंद्र के कुछ अन्य कर्मचारी भी शामिल हो सकते है। यह पुलिस की जाच में सामने आएगा।
दरअसल, मारुति कंपनी व सरकार के सहयोग से बहादुरगढ़ में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर चलाया जा रहा है। यहा पर ड्राइविंग की ट्रेनिंग देने व विभिन्न ड्राइविंग कोर्स चलाए जा रहे है, जिनकी निर्धारित फीस ली जाती है। पुलिस को दी शिकायत में केंद्र के निदेशक महेश राजौरिया ने बताया कि ट्रेनिंग की जो फीस ली जाती है वह कैश में ली जाती है और इसे हर रोज केंद्र के अकाउट में जमा कराया जाता है। जब वर्ष 2016-17 का ऑडिट किया गया तो उस समय करीब 67 लाख रुपये की शार्टेज पाई गई। उन्होने बताया कि 31 अक्टूबर 2011 को हरदीप सिंह सूद ने बतौर ऑफिस प्रशासक के पद पर यहा ज्वाइन किया था। जाच में पाया गया कि हरदीप सिंह की ओर से काफी राशि को केंद्र के अकाउट में न जमा करवाकर इसके अपने व्यक्तिगत अकाउट में जमा करवाया गया था। बाद में जाच की गई तो पता चला कि 1 अप्रैल 2017 से लेकर 27 मई 2017 के बीच भी काफी मात्रा में कैस वाउचर गायब मिले और करीब 12.2 लाख रुपये की कमी पाई गई। पूरी जाच में अब तक करीब 80 लाख रुपये गोलमाल पाया गया।
शिकायत में बताया गया है इसमें हरदीप सिंह सूद के अलावा नरेद्र पाल सिंह सीनियर मैनेजर व प्रदीप मिश्रा के अलावा कुछ अन्य कर्मचारी भी इसमें शामिल है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर तीनों के खिलाफ मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
तीन के खिलाफ किया मामला दर्ज:जसबीर
थाना सदर प्रभारी निरीक्षक जसबीर सिंह ने बताया कि केंद्र के निदेशक की ओर से लिखित में शिकायत दी गई है। इसमें केंद्र के ही तीन अधिकारियों पर ट्रेनिंग फीस में गोलमाल के आरोप है। शिकायत में करीब 80 लाख रुपये के गबन के आरोप है। मामले की जाच की जाएगी। इसके बाद ही इस संबंध में कुछ कहा जा सकता है।



