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रेवाड़ी:माटी की सेहत जानने के लिए कृषि विभाग अब तक जिले से लगभग 55 हजार स्थानों से सैंपल ले चुका है। इन सैंपलों के आधार पर एक लाख से अधिक किसानों को सायल हेल्थ कार्ड दिए जाएंगे। प्रथम चरण में लिए गए 40 हजार 129 सैंपलों के आधार पर जहां 84 हजार 63 किसानों को सॉयल हेल्थ कार्ड दिए जाएंगे वहीं दूसरे चरण में लिए जा रहे 13 हजार 589 सैंपल के आधार पर लगभग 30 हजार किसानों को सायल हेल्थ कार्ड दिए जाएंगे। बृहस्पतिवार को उपायुक्त कृषि विभाग से जुड़ी योजनाओं की समीक्षा करेंगे, जिसमें मृदा परीक्षण से जुड़ी योजनाओं पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा।अब तक लिए गए लगभग 55 हजार सैंपलों में से 40 हजार 129 सैंपल वर्ष 2016-17 के प्रथम साइकिल में व 13 हजार 589 सैंपल वर्ष 2017-18 के दूसरे साइकिल में लिए गए हैं।
अभी कुछ को छोड़कर अधिकांश किसानों को सॉयल हेल्थ कार्ड नहीं मिले हैं, लेकिन ¨प्रट होकर आ रहे कार्ड कृषि विभाग ने किसानों तक पहुंचाने शुरू कर दिए हैं। माटी की सेहत की जांच का काम पूरा होने के बाद कृषि विभाग के सामने सभी किसानों तक मिट्टी की सेहत बताने वाला कार्ड पहुंचाने की चुनौती है। खेती पर सबसे अधिक ध्यान देने की सरकार की नीति अब प्रशासन की भी प्राथमिकता बन रही है। सरकार की प्राथमिकता मिट्टी परीक्षण है, क्योंकि किसानों की आय दोगुना करने की योजना में मिट्टी की जांच की ही अहम भूमिका रहने वाली है। खेती को अब तक किसानों के लिए घाटे का सौदा माना जाता रहा है, लेकिन अब कृषि को लाभ का सौदा बनाने के लिए सरकार ने मिट्टी परीक्षण को इसका आधार बनाया है।
