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Haryana Voice | ||
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यमुनानगर : खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए अब वितरण प्रणाली पूरी तरह डिजिटल हो गई है। सभी डीलरों के पास भौतिक तौर पर उपलब्ध खाद के भंडारण को सत्यापन करके पीओएस मशीनों में उपडेट किया जा रहा है। 30 नवंबर तक यह प्रक्रिया जारी रहेगी। यह प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद 1 दिसंबर से सभी प्रकार के सब्सिडी युक्त खाद की बिक्री पीओएस के माध्यम से ही हो सकेगी। 28 नवंबर को उप मंडल कृषि अधिकारी और 29 और 30 को गुण नियंत्रण निरीक्षक कार्यालय में पीओएस में स्टॉक की एंट्री हो सकेगी।
सब्सिडीयुक्त खाद लेने के लिए किसान को अब अपना आधार नंबर साथ लेकर आना होगा। पीओएस मशीन में बकायदा इस नंबर की एंट्री होगी। उसके बाद ही खाद उपलब्ध हो सकेगा। जिले में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से 419 विक्रेताओं को पीओएस उपलब्ध करवा दी गई हैं। जिले में करीब 450 विक्रेता है। शेष के लिए डिमांड भेजी हुई है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यदि पीओस में स्टॉक की एंट्री नहीं है तो संबंधित विक्रेता को खाद की आपूर्ति नहीं की जाएगी।
पीओएस के माध्यम से खाद वितरण में पारदर्शिता की उम्मीद तो जताई जा रही है, लेकिन इससे डीलरों की समस्याएं बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। विभाग के पास मशीनें खराब होने की शिकायतें अभी से आने लगी हैं। दूसरा, ग्राहक को बिल के लिए भी इंतजार करना पड़ता है। कभी नेटवर्क न होने तो कभी मशीन में तकनीकी खराबी की शिकायत डीलर कर रहे हैं।



