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Haryana Voice | ||
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यमुनानगर : शादियों के शुभ लगन से हरी सब्जी के रेट आसमान को छू गए हैं। शादियों में डिमांड बढ़ने से न केवल रेट बढ़े हैं बल्कि मंडी से भी सब्जी गायब होने लगी है। सप्लाई व डिमांड में जमीन आसमान का अंतर होने से ही रेट में बढ़ोतरी हुई है। जानकारों की माने तो अभी जनवरी तक सब्जी की कीमतों में कमी होने की कोई उम्मीद नहीं है। रेट बढ़ने से आम आदमी के घर का बजट भी बिगड़ गया है। क्योंकि सब्जी के रेट पांच से 15 रुपये तक बढ़ गए हैं।
इन दिनों शादियों के शुभ मुहुर्त चल रहे हैं। हर दूसरे-तीसरे दिन शादियां हो रही है। इसलिए सब्जी की डिमांड काफी बढ़ गई है। सब्जी मंडी व बाजार के भाव में काफी अंतर होता है। दूसरा मंडी में हर तरह की सब्जी एक ही जगह पर मिल जाती है। इसलिए मंडी में सब्जी खरीदने के लिए मारा मारी हो रही है। हालात ऐसे हैं कि हलवाई के आर्डर ही पूरे नहीं हो रहे हैं। सब्जी मिल जाती है तो कीमत सुनकर इतनी ठंड में पारा हाई हो जाता है।
मंडी व मार्केट में सबसे ज्यादा आलू, गोभी व मटर की डिमांड है। क्योंकि ये ऐसी आइटम है जिनकी सब्जी लगभग हर शादी में बनाई जाती है। इसके अलावा गोभी के पकोड़े भी बनाए जाते हैं। इसलिए इनके रेट ऊंचाइयों को छू रहे हैं। गत तीन सप्ताह में इनकी कीमत में 10 से 15 रुपये की वृद्धि हो गई है। वहीं, मंडी से सब्जी खरीद कर दुकानदार अपना मुनाफा जोड़ कर सब्जी बेच रहे हैं। इसलिए मंडी में थोक के भाव व दुकान पर परचून के भाव कहीं पर भी मेल नहीं खाते।
अब शादियों के कारण सब्जी महंगी है तो पिछले दिनों कपाल मोचन मेले के कारण लोगों को महंगी सब्जी का स्वाद चखना पड़ा था। क्योंकि पंजाब व अन्य राज्यों से आई संगत ने कपाल मोचन में भंडारे दिए थे। सब्जी मंडी यमुनानगर के कांबोज एजेंसी के संचालक जो¨गद्र ¨सह कांबोज ने बताया कि अब शादियां ज्यादा होने से सब्जी की डिमांड पूरी नहीं हो पा रही। क्योंकि सब्जी तो उतनी ही है जो पहले आती थी। जितनी सब्जी पूरे दिन में बिकती थी उतनी मंडी खुलते ही बिक रही है। दूसरा अब स्थानीय लोग भी मंडी में सब्जी खरीदने आने लगे हैं। पिछले दो साल से स्थानीय लोगों की भीड़ मंडी में देखने को मिल रही है।



